इंसान की शक्ल में छुपा एक हैवान, एक ऐसा सनकी जिसने मासूमों को भी नहीं छोड़ा। एक हैवान जो बेजुबान कुत्तों का बलात्कार करता था। इंसानों के साथ गलत काम के कई किस्से आपने सुने होंगे, लेकिन ऐसा कभी नहीं सुना होगा कि किसी इंसान ने बेजुबान के साथ कुछ गलत किया। जी हां, कुछ लोग अपने गलत इरादों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जाते हैं।
कोई सोच भी नहीं सकता कि इंसान की शक्ल के पीछे इतना घिनौना हैवान छुपा हुआ था। ऐसे लोग अपनी सनक के लिए किसी का भी यौन शोषण करने में एक बार भी नहीं सोचते और बेजुबान मासूमों को सताने में ज्यादा मजा पाते हैं।
आज आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताएंगे जो अपनी हवस को पूरा करने के लिए बेजुबान कुत्तों को निशाना बनाता था। स्क्रीन पर आप एक तस्वीर देख रहे होंगे, यह ब्रिटेन के मगरमच्छ विशेषज्ञ एडम ब्रिटन है, जिसने 40 से भी ज्यादा कुत्तों के साथ बलात्कार और टॉर्चर किया और फिर उन्हें बेरहमी से मार डाला। बता दें कि 43 साल के एडम ने उन पर लगाए गए सारे इल्जाम भी कुबूल कर लिए हैं। एडम पेशे से एक जूलॉजिस्ट है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एडम पर पिछले साल एक शिपिंग कंटेनर के अंदर जानवरों के साथ दुर्व्यवहार और यौन शोषण से जुड़े 60 आरोप हैं।
उन्हें टॉर्चर रूम में जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए देखा गया था। इसके अलावा, उन पर चाइल्ड एब्यूज़ का भी आरोप है। एडम ऑनलाइन कुत्तों की देखरेख करने की बुकिंग लेता था और फिर उन्हें टॉर्चर कर बलात्कार करता था। एडम ने यह भी कहा था कि वह इन मासूम जानवरों को खिलौना समझता है। वह ऑस्ट्रेलिया के डार्विन में कुत्तों पर अत्याचार करता था और उन्हें पीट-पीट कर मार डालता था। ब्रिटेन के क्रूरता की हरकत की वीडियो भी रिकॉर्ड करता था।
रिपोर्ट के मुताबिक, सुनवाई के दौरान ब्रिटेन की बचाव टीम ने कहा कि वह अपने कामों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जब उसने अपने अपराध किए, तो वह पैराफीलिया से पीड़ित था। अब आप सोच रहे होंगे कि पैराफीलिया क्या होता है। बता दें कि पैराफीलिया जैसी स्थिति व्यक्तियों को असामान्य वस्तुओं, गतिविधियों या सिचुएशन के साथ यौन गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकती है, जिन्हें आमतौर पर दूसरों द्वारा यौन रूप से उत्तेजित नहीं माना जाता। पैराफीलिया से जुड़े व्यवहार काफी खतरनाक हो सकते हैं।
अब एडम को उसके किए की सजा मिल गई है। उस पर कार्रवाई करते हुए ऑस्ट्रेलिया में 249 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। यह सोचकर भी घिन आती है कि कोई इंसान कैसे किसी बेजुबान जानवर के साथ ऐसी हरकत कर सकता है, क्योंकि वह बोल तो नहीं सकते और उनकी तकलीफ को बस महसूस किया जा सकता है।